anuradha-sharma-poems-you

तुम

कहाँ खो गई तुम बहुत धुन से ढूँढा पर ना पाया कहीं | दिल ने कहा,तुम खोई होगी गहन रंगों की दुनिया में | कैनवास पर उकेरती होगी कुछ दबा-दबा बहता जो साँसो में | समेटती होगी बिखरे अनकहे बोलों और निशब्द एहसासों को | होगी मसरूफ रंगों, बच्चों, किताबों, और जीने के अंदाज़ों में […]

anuradha-sharma-poems-i am mother hindi

माँ हूँ मैं (हिंदी)

माँ हूँ मैं मेरे टूटे-फूटे शब्दों में तेरा तुतलाना सब को भाता था | मीठे – मीठे बोलों से बात अपनी मनवाना सबको हँसाता था | तूने बुलंदी को छुआ मैं गद -गद हो गई | लगा, मेरी भी तकदीर रोशनी से तेरी जगी | सो रही जो आधुनिकता के गुमनाम लिबास में | सांसे […]

anuradha-sharma-poems-farmer

किसान

उसे नमन करो, वह किसान है, धरती माँ की जान है | वह किसान है, जो भूखा रह सृष्टि का पेट भरता है | वह किसान है, अन्न का दाता, दाने -दाने के लिए तड़पता है | वह किसान है, जो निरवस्त्र रह औरों के तन को ढकता है | वह किसान है, अपने खून […]

1 2