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उसे नमन करो,
वह किसान है, धरती माँ की जान है |
वह किसान है,
जो भूखा रह सृष्टि का पेट भरता है |
वह किसान है,
अन्न का दाता, दाने -दाने के लिए तड़पता है |
वह किसान है,
जो निरवस्त्र रह औरों के तन को ढकता है |
वह किसान है,
अपने खून पसीने से दुनिया में सुख भरता है |
वह किसान है,
उसकी मेहनत जीवों को जीवन देती है |
वह किसान है,
जो रोंदा जाता है कड़ी मेहनत के तले |
वह किसान है,
जिसे मिलती नहीं अपनों में अपनी जगह |
वह किसान है,
उसे भी अपना घर और जीवन स्तर चाहिए |
वह किसान है,
उसे प्रेम,सम्मान और अपनापन चाहिए |
उसे नमन करो,
वह किसान है, इस धरती की आन शान है |

डॉ •अनुराधा शर्मा
ज़िला पठानकोट
पंजाब