कहो तुम मैं कौन हूं ?
कहो तुम मैं कौन हूं?
सुरीली कोई तान हूं?
या घुटते स्वर का मौन हूं?
सुकाल हूं कोई साज़ हूं?
या दब गई कोई आवाज़ हूं ?
सुनहरी भोर ,चांदनी रात हूं?
या अनसुलझी कोई बात हूं?
साहिल संग चलती कोई लहर हूं?
या जर्जर सा कोई पहर हूं?
मैं सन्नाटे में झंकार हूं?
या मरू की उष्म बयार हूं?
मैं आदि हूं के अंत हूं?
या उजड़ा कोई बसंत हूं?
मैं सुक़ाल का सुरद्रुम हूं?
या निद्रा में देखा स्वप्न हूं?
मैं जगत का विश्वास हूं?
या थम चुका प्रयास हूं?
क्या मैं कोई अस्तित्व हूं?
क्या मैं भी व्यक्तित्व हूं?
तुमसे पूछती पुनः
कहो तुम मैं कौन हूं ?
कहो तुम मैं कौन हूं?
डॉ• अनुराधा शर्मा
ज़िला पठानकोट
पंजाब |