स्वागत नव वर्ष प्रभात बेला | मंगलमय नूतन कान्तिमय बेला...
कहो तुम मैं कौन हूं ? कहो तुम मैं कौन...
अभिलाषा के आँचल में विश्वास के अटूट धागे से |...
अतीत की प्राचीर से सम्मान पाने वाली । ममता, दया...
निशब्द — शब्दों की भीड़ में,सूखी रेत पर | उकेरती...
कौन हो तुम ? अभिलाषाओं के आँगन में रहकर अगाध...
इस वर्ष फिर दिवस आया हमारी प्रिय स्वर वाहिनी हिंदी...
आशा की लौ से हे बेकल मन काली रात को...
कोमल रंगों से बनी तुम | बेरंग जान पड़ती हो...
कहाँ खो गई तुम बहुत धुन से ढूँढा पर ना...
माँ हूँ मैं मेरे टूटे-फूटे शब्दों में तेरा तुतलाना सब...
उसे नमन करो, वह किसान है, धरती माँ की जान...